News

बाबा के सत्संग में भगदड़… कुचले जाने से 122 लोगों की मृत्यु… जिम्मेदार कौन ?

60 हजार पहुंचे थे भक्त…SDM ने दी थी परमीशन…

animal image

Ashoka Times…2 July 24

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। कुचलने से 122 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। बताया जा रहा है कि इस प्रोग्राम की परमिशन एसडीएम द्वारा दी गई थी।

animal image

शुरुआती दौर में इसमें बड़ी लापरवाही प्रबंधक कमेटी की नजर आ रही है जिसमें प्रोग्राम खत्म होने के बाद बाबा भोले जिसका असली नाम नारायण हरि है उसको जल्दी से जल्दी निकलने के चक्कर में भीड़ को रोक दिया गया और जैसे ही बाबा निकले भीड़ को एकदम से प्रबंधक कमेटी द्वारा छोड़ दिया गया नतीजा यह रहा की एक दूसरे को कुचलते हुए लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे और 122 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। मरने वालों में सबसे अधिक महिलाएं बताई जा रही है।

वहीं दूसरी और बताया जा रहा है कि जिस अस्पताल में घायलों को और मृत्यु को बुलाया गया वहां पर सिर्फ एक डॉक्टर था और जब तक प्रशासन इंतजाम करता तब तक दर्जनों लोगों की मौत बिना इलाज के ही हो गई।

हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ।

हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। भास्कर ने डॉक्टर से पूछा तो वह मौत का आंकड़ा नहीं बता पाए। इसके बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर मनोज महेश्वरी ने सिकंदराराऊ CHC के बाहर एक-एक करके लाशों को गिना। यहां 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं।

एटा के CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- एटा के जिला अस्पताल में अब तक 27 शव पहुंचे हैं। यानी, कुल 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी। घायल जमीन पर तड़प रहे थे।

सवाल यह उठता है कि क्या इस तरह के आयोजनों के लिए परमिशन मिलनी चाहिए या नहीं जहां पर 50 से 60 हजार लोगों को बुला लिया जाए और निकालने के लिए खुले रास्ते तक ना हो, सबसे बड़ी लापरवाही प्रबंधक कमेटी की सामने आ रही है जिससे 50 से 60 हजार लोगों प्रवचनों के लिए आमंत्रित किया गया लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए कोई इंतज़ाम नहीं किए गए । इस पूरे मामले को लेकर यूपी सरकार को लापरवाही बरतने वाली प्रबंधक कमेटी और स्थानीय प्रशासन पर कठोर कार्रवाई के आदेश देने चाहिए और साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के भी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।

उद्योग मंत्री 3 व 4 जुलाई को सिरमौर प्रवास पर रहेंगे

बारिशों में बरतें ये सावधानियां जान-माल का नहीं होगा नुकसान…बिजली के खंभों को छुने से बचे और…

HP17 VIP नंबर की बोली पहुंची 60 लाख…

हिमाचल में भूस्खलन से विभिन्न जिलों में 36 सड़कें बाधित,169 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप

चार सोए हुए प्रवासी बच्चों पर चढ़ा ट्रक, एक की मौत तीन घायल 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *