धरना प्रदर्शन खत्म एसडीएम गुंजीत चीमा पहुंचे मौके पर दिए ये आश्वासन…
Ashoka Times…7 June 23 paonta Sahib
बांगरन पुल को लेकर गिरीपार संघर्ष समिति द्वारा जारी धरना प्रदर्शन एसडीएम गुंजीत चीमा द्वारा स्थगित करवा दिया गया है इस दौरान संघर्ष समिति द्वारा एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें कुछ मांगे रखी गई है।
गिरी पार संघर्ष समिति द्वारा एसडीएम गुंजीत चीमा को बताया गया कि 10 टन पास लोड के लिए बनाया गया बांगरण पुल कभी भी गिर सकता है क्योंकि इस पर 60 से 70 टन के ट्रक एक साथ कई कई गुजर रहे हैं रात के 9:00 बजते ही ओवरलोड ट्रक इस पुल से गुजरने शुरू हो जाते हैं।
वहीं दूसरी मांग गिरपार संघर्ष समिति ने रखी है कि इस पुल पर खर्च की गई एक करोड़ 36 लाख खर्च कर दिए गए हैं उन्होंने कहा कि इस पुल की रिपेयर में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है जिसकी जांच करवाई जानी चाहिए।
वही संघर्ष समिति को आश्वासन देते हुए एसडीएम गुंजीत चीमा ने कहा कि इस पुल पर ओवरलोड और 10 टन से अधिक ट्रक न गुजरें इसके लिए फिलहाल आरटीओ पोंटा साहिब को निर्देश दिए जाएंगे विशेष तौर पर रात के समय आरटीओ विभाग और पुलिस विभाग की टीमें काम करेंगी और ओवरलोडिंग को रोकने का प्रयास किया जाएगा उन्होंने कहा कि सरकार को आपके ज्ञापन के माध्यम से भ्रष्टाचार की जांच के बारे में बताया जाएगा और जैसे ही कोई कमेटी गठित होती है इसकी जांच भी करवाई जाएगी।
बता दें कि गिरीपार संघर्ष समिति के नाथूराम चौहान, पिछले 5 दिनों से गिरी पार बांगरण पुल के पास धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए थे यहां तक की उद्योग मंत्री इस पुराने रिपेयर पुल का शुभारंभ करके चले गए लेकिन अपनी ही जनता जो प्रदर्शन कर रही थी उन से नहीं मिले पूछे जाने पर नाथूराम ने कहा कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान हिमाचल प्रदेश के मंत्री हैं लेकिन ऐसा लगता है कि वह यहां की जनता के मंत्री नहीं है अगर होते तो वह अपनी जनता से समस्याएं पूछते और उसका निदान करते।
बता दें कि नाथूराम चौहान ने 1 जून को यह बताया था कि बांगरन पुल 1 सप्ताह पहले पूरी तरह से तैयार हो चुका है मंत्री जी की डेट नहीं मिलने के कारण आम जनता 1 सप्ताह से ज्यादा परेशानी झेलती रही और जब गिरीरपार संघर्ष समिति धरने पर बैठी तो आनन-फानन में मंत्री जी ने टाइम दिया और इस पुल का शुभारंभ कर लोगों को आवाजाही खोली गई।
लेकिन गिरी पार संघर्ष समिति अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठी रही और आज एसडीएम गुंजित सीमा द्वारा उनकी सभी मांगों पर गौर करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि जनहित यह सभी मांगे पूरी आवश्यक की जाएंगी।
नाथूराम चौहान ने बताया कि गिरीपार संघर्ष समिति के सरदार जीवन सिंह, कल्याण सिंह, गुरमीत सिंह, केसर सिंह, जय प्रकाश शर्मा, रामभज, यशपाल, सतपाल ठाकुर, अरुण के बिना यह लड़ाई जीत पाना असंभव था इन लोगों ने दिन-रात इस संघर्ष में साथ देकर संघर्ष समिति को एक नए मकान पर लाकर खड़ा किया है हमारी संघर्ष समिति हमेशा जनहित के मुद्दे उठाती रहेगी।
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