बद्रीपुर चौक पर कुचले जाने जैसे सड़क हादसों के ये हैं कारण…क्या है नियमों में खामियां….पढ़ें ख़बर
Ashoka Times….21 फरवरी 2025

पांवटा साहिब के बद्रीपुर चौक के 100 मीटर के दायरे में पहले भी पांच बार सड़क हादसे हुए है और कुचले जाने से मौतें भी हुई हैं। बीते कल हुआ सड़क हादसा कोई पहला नहीं है। जब हमने बद्रीपुर चौक पर यातायात को लेकर जायजा लिया तो बड़ी खामियां सामने आई जिसमें ज़ेबरा क्रॉसिंग जैसी मुख्य नियम पूरी तरह से गायब मिले।
बीते कल जो सड़क हादसा हुआ है जिसमें 35 वर्षीय जगदीश की मौत हो गई । उसका वीडियो सामने आया है जिसमें एक तरफ आधी सड़क पर सफेद रंग की गाड़ी खड़ी है, इसी वक्त सड़क से ट्रैक क्रॉस हो रहा है और इन दोनों के बीच से दो पहिया वाहन चालक क्रॉस करने का प्रयास कर रहा है ठीक उसी समय महिलाएं तेजी से ट्रक को आते देख कर सड़क पार करती है और महिलाएं अचानक स्कूटी चालक के सामने आ जाती है। स्कूटी चालक घबरा जाता है और स्कूटी चालक ट्रक के पिछले टायर से टकरा जाता है। अगर बद्रीपुर चौक पर नियमों को सख्ती से लागू किया गया होता तो अब तक बद्रीपुर में पांच लोग कुचले जाने से अपनी जान नहीं गंवाते।
ज़ेबरा क्रॉसिंग…

सबसे पहली कमी पैदल सड़क पार करने वालों की सुरक्षा के लिए ज़ेबरा क्रॉसिंग चौराहों पर बनाई जाती है और उससे पीछे ही वाहनों को रोका जाता है ताकि सड़क पार करने वाले उसे ज़ेबरा क्रॉसिंग से सड़क को सुरक्षित पार कर पाए, लेकिन बद्रीपुर चौक पर इतनी भीड़ भाड़ होते हुए भी आज तक जेबरा क्रॉसिंग नहीं बनाई गई है।
यातायात लाइट गायब…
नंबर दो यातायात लाइट नहीं होने के कारण गाड़ी चालक अक्सर जहां से दांव लगता है वहां से भागते-दौड़ते रहते हैं यातायात पुलिस का इस पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं है। वही एक निजी कंपनी द्वारा बद्रीपुर चौक पर जो यातायात लाइटें लगाई गई थी आरोप है कि वह एन एच ठेकेदार द्वारा बेच दी गई और उसके बाद से यहां पर कोई लाइट नहीं लगाई गई है।
डेंजरस पार्किंग…
नंबर 3 और सबसे बड़ी वजह बद्रीपुर चौक के चारों तरफ 100 मीटर के दायरे में सबसे अधिक डेंजरस पार्किंग देखने को मिलती है। इस पर भी यातायात पुलिस का कोई नियंत्रण दिखाई नहीं देता।
अतिक्रमण…
नंबर चार लंबे समय से कई सामाजिक संस्थाएं पुलिस और नगर परिषद को आगाह कर रही है कि बद्रीपुर चौक के 100 मीटर के दायरे में अवैध तरीके से रेहडी फड़ी और दुकानदारों ने अपने सामान को बाहर तक रखा हुआ है जिसके कारण यह क्षेत्र और अधिक असुरक्षित हो जाता है। बदरपुर चौक के 100 मीटर के दायरे में पार्किंग लाइन पूरी तरह से गायब है आधी सड़क तक डेंजरस पार्किंग करके लोग खरीदारी करते हैं।
फुट ब्रिज गायब…
वहीं नैशनल हाइवे द्वारा वाइप्वांट से लेकर बद्रीपुर चौक के बीच फुट ब्रिज प्रस्तावित हैं जो आज तक नहीं बनाए गए हैं। कुल मिलाकर शहर का सबसे व्यस्त बद्रीपुर चौक पूरी तरह से पिछले कई वर्षों से असुरक्षित है । और इस पर न तो स्थानीय प्रशासन ने कोई कदम उठाया न ही नेताओं ने और न ही पुलिस अधिकारियों ने। बद्रीपुर चौक पर होने वाले सड़क हादसों की जिम्मेदारी फिलहाल कोई भी लेने को तैयार नहीं है। और ना ही कोई सवाल उठाने को तैयार है।