बढ़ी बिजली दरें कम करें सरकार…. पांवटा साहिब से इंड्रस्टी पलायन को होगी मजबूर….
केंद्र और प्रदेश दोनों सरकारें कर रही सौतेला व्यवहार….
Ashoka Times….31 August 2024
पांवटा साहिब चैंबर ऑफ़ कॉमर्स में हिमाचल प्रदेश सरकार और उद्योग मंत्री को साफ शब्दों में कहा है कि या तो बिजली कि बढ़ी दरें सरकार वापिस ले या फिर पांवटा साहिब सहित हिमाचल प्रदेश से सैकड़ो उद्योग पलायन के लिए मजबूर हो जाएंगे।
प्रेस वार्ता के दौरान चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश गोयल, महासचिव नवीन अग्रवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहले से ही संकट में चल रहे उद्योगों पर बिजली दरें बढ़ाकर और अधिक पलायन का दबाव बना दिया है। उन्होंने कहा कि मंदी के दौर में कईं ऐसे उद्योग है जो सब्सिडी कटौती करने के बाद यह दबाव सहन नहीं कर पाएंगे और मजबूरन या तो उद्योगों को बंद करेंगे या फिर यहां से पलायन करेंगे जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में न केवल बेरोजगारी बढ़ेगी बल्कि सरकार को भी करोड़ों करोड़ों रुपए की आय से हाथ धोना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पहले ही केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जिसका खामियाजा उद्योग जगत को भोगना पड़ रहा है ऐसे में अगर प्रदेश सरकार भी उद्योगों के साथ सौतेले व्यवहार पर उतर आई तो उन्हें बचाना और मुश्किल हो जाएगा।
इस मौके पर स्थानीय उद्योगपति बीड़ी त्यागी, नरेंद्र पाल सिंह सहोता व संजय गुप्ता ने कहा कि सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र पांवटा साहिब में कोई नया उद्योग प्लांट स्थापित नहीं हो पा रहा है क्योंकि ना तो यहां पर रेल लाइन सुविधा उपलब्ध है और ना ही रो-मटेरियल आयात निर्यात जैसी कोई बेहतर सुविधा मिल पा रही है ऐसे समय में जब पांवटा साहिब में उद्योग पहले ही आधी ऑक्सीजन पर सांस ले रहे हैं उनके साथ सरकार द्वारा बिजली दरें बढ़ाना पूरी तरह से अनैतिक है।
बता दे की केंद्र सरकार हिमाचल और उत्तराखंड को एक तराजू में तलकर उन्हें विकास की तेजी दी जाती थी लेकिन आप जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है केंद्र सरकार ने सौतेला रवैया इफ्तार कर लिया है । अभी उत्तराखंड को एक बड़ा औद्योगिक पैकेज केंद्र सरकार की ओरसे दिया गया है जिसके कारण वहां पर नए उद्योगों को स्थापित करने मे काफी मदद मिलने वाली है तो वहीं दूसरी और इस बारकेंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को कोई भी पैकेज या यहां के उद्योगों को राहत नहीं दी गई है। अलबत्ता जम्मू एंड कश्मीर में उद्योगीको स्थापित करने के लिए बड़ी सब्सिडी के साथ-साथ कहीं बड़े पैकेज भी दिए जा रहे है जिसके कारण उद्योग जम्मू कश्मीर की तरफ पलायन कर रहे हैं।