पूर्व जज ने होनहार छात्रा की जज बनने में की मदद…महज़ 10 महीने में छात्रा बनी जज…
युवा जज बनें और न्याय के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएँ….MANISH

Ashoka Times….25 October 2025
एक प्रतिष्ठित न्यायाधीश के रूप में 4 वर्षों की सेवा के बाद, पूर्व जज मनीष अरोड़ा ने महक नाम की एक होनहार छात्रा को जज बनने में मदद की। महज़ 10 महीने में छात्रा ने वह मुकाम हासिल कर लिया जिसके लिए कई बार पूरी जिंदगी कम पड़ जाती है।
बहुत छोटी सी उम्र में ही मनीष अरोड़ा ने ज्यूडिशरी के पेपर को पास किया और 4 वर्षों तक जज रहकर अपनी सेवाएं दी। पूर्व में जज रहे मनीष अरोड़ा बताते हैं कि जब उन्होंने अपने करियर की ऊंचाइयों को छोड़ने का निर्णय लिया तो उनके परिवार के साथ-साथ सभी लोग उनके इस कदम से चौंक गए।

दरअसल उनका उद्देश्य था कि वे नई पीढ़ी को न्यायपालिका के प्रति जागरूक करें और उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकें। पूर्व जज मनीष अरोड़ा ने अपनी न्यायिक यात्रा को पीछे छोड़कर एक नई जिम्मेदारी उठाई। उनके अनुसार “जज” बनने के लिए बहुत छात्र सपना देखते है परन्तु सही मार्गदर्शन न मिलने के कारण वह अपने उद्देश्य तक नहीं पहुंच पाते और उनके सपने अधूरे रह जाते है। उन्होंने बताया कि उनका सपना है कि वह उन छात्र-छात्राओं की मदद कर सके जो जुडिशरी में जज बनने का सपना देखते हैं।
बता दे कि पूर्व जज मनीष अरोड़ा जज बनने से पहले 11 वर्षों तक शिक्षण कर चुके है। वह अपने ज्यूडिशियरी कैरियर में 11 बार मेंस व 4 बार इंटरव्यू तक पहुंचे हैं। उनका मानना यह है कि उनके जज बनने के सफर में कोई मार्गदर्शन करवाने वाला नहीं था, इसलिए उन्होंने अपनी गलतियों व असफलताओं से जो सीखा है उनके अनुसार वह सभी छात्रों को एक सीधे व सही रास्ते पर चलाना चाहते हैं ताकि वह सफलता पाने में विफल न हो। इसी सोच के तहत, उन्होंने एक एकेडमी की स्थापना की, जो न केवल कानूनी शिक्षा प्रदान करती है, बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण पर भी जोर देती है।
पूर्व जज मनीष अरोड़ा का कहना है, हमारी अकादमी से हाल ही में हरियाणा सिविल जज परीक्षा में चार प्रतिभाशाली छात्रों ने इंटरव्यू में भाग लिया, और हमें गर्व है कि उनमें से एक ने जज बनकर नई ऊंचाई हासिल की। जबकि बाकी के बच्चे थोड़े ही अंकों से अपना मुकाम हासिल नहीं कर पाए, हम उनके हौसले और मेहनत को सलाम करते हैं। हम उनके साथ हैं और विश्वास करते हैं कि यह एक कदम है, जो उन्हें सफलता की ओर ले जाएगा। वही 10 महीने में उनकी अकादमी से ज्ञान और मार्गदर्शन हासिल कर महक को इस शानदार सफलता के लिए ढेर सारी बधाई, उन्होंने कहा कि आपकी सफलता सबके लिए प्रेरणा है। आगे बढ़ते रहने की।
उन्होंने बताया कि उनकी एकेडमी में छात्रों को न केवल कानूनी शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें वास्सविक अदालतों के मामलों का अनुभव भी करवाया जाता है। उनकी एकेडमी में छात्र छात्राओं को अदालतों की प्रक्रिया, कानूनी तर्क और नैतिकता पर गहनता से समझाया जाता है। महक ने इस प्रक्रिया में अद्वितीय प्रदर्शन किया। प्रशिक्षण के दौरान, महक ने अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाया।
महक से बात करने पर उन्होंने बताया कि “मैंने मनीष सर की क्लासेस में मेंस आंसर राइटिंग बैच ज्झाइन किया था और उसके बाद इंटरव्यू के लिए भी मैंने सर से ही गाइडेंस ली थी और उसके लिए काफी सारे मॉक इंटरव्यू भी मैंने सर की अकैडमी में ही दिए थे। मेरी पूरी जर्नी में सर ने मुझे समझाया और जिस हिसाब से मुझे एग्जाम के लिए तैयार किया और मुझे मेरे लक्ष्य से भटकने नहीं दिया वह बहुत हेल्पफुल रहा।
दूसरी और अहम बात जुडिशरी में लैंग्वेज सबसे अधिक मायने रखती है पूर्व जज मनीष अरोड़ा द्वारा मेरी ज्यूडिशरी लैंग्वेज को जिस तरह से तराशा गया वह काफी अहमियत रखता है, और अगर मैं बात करूं मेंस एग्ज़ाम की तैयारी की तो आंसर राइटिंग में मनीष सर और सुप्रिया मैम ने पर्सनली सारे टैस्ट खुद चेक किये और सही तरीके से कम टाइम में पेपर कंप्लीट करने का और ज्यादा से ज्यादा मार्क्स स्कोर करने का तरीका समझाया। जिस तरह मनीष सर और सुप्रिया मैम ने मेरे ऊपर ट्रस्ट दिखाया, उसकी वजह से ही मुझे कॉन्फिडेंस मिला और में एग्जाम में अपना 100% दे पाई और में बहुत थैंकफुल हूं पूर्व जज मनीष अरोड़ा लॉ अकैडमी का जो बच्चों को एक सही प्लेटफॉर्म दिला रही है जिससे बच्चों को भटकने की जरूरत नहीं है। बच्चे जो भी प्रॉब्लम फेस करते हैं अपनी जर्नी के दौरान उन्हें आसानी से फेस किया जा सकता है बशर्तें कि आप सही गाइडेंस के साथ आगे बढ़ रहे हों, जिंदगी में ऊंचाइयों को छूने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है लेकिन अगर आप सही मार्गदर्शन में तैयारी करें तो आसान जरूर हो सकता है।
यह कहानी केवल महक की नहीं है, बल्कि यह उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पूर्व जज मनीष अरोड़ा का संकल्प दिखाता है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। पूर्व जज मनीष अरोड़ा का लक्ष्य है कि उनकी एकेडमी के माध्यम से अधिक छात्र न्यायपालिका में अपनी पहचान बना सके। उनका सपना है कि आने वाले समय में अधिक से अधिक युवा जज बनें और न्याय के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएँ।
*Manish Arora (Ex-JUDGE) M.Com. LLM….
Qualified for Punjab, Haryana, H.P. & UPPCS (J) Interviews 4 years’ experience as a JUDGE 4 years experi Advocate 4 years and teaching experience 11 years …
Call-9569 900 200, 9569 400 200 Visit Manish Arora Law Academy SCO389, Sector 37 D, Chandigarh