Ashoka Times…1 June 23
हिमाचल के कालाअंब-त्रिलोकपुर मार्ग पर गड्ढे भरने का एक नायाब तरीका ढूंढा गया है। दरअसल, बुधवार को मूसलाधार बारिश के कारण गड्ढों में पानी भर जाने के कारण आस-पास के दुकानदारों सहित लोगों में भारी गुस्सा पनप गया था। इसके बाद संबंधित विभाग ने वीरवार को एक नया तरीका ही ढूंढ निकाला।
बताया जा रहा है कि आस-पास ही एक पुराने घर को तोड़ा गया और उससे निकले मलबे से गड्ढों को भरा गया इस कारण लोग अधिक आक्रोशित हो गए हैं। बता दें कि जल शक्ति विभाग द्वारा मार्ग के किनारे सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो विभाग ने वादा किया था कि एक सप्ताह के भीतर ही गड्ढों को भर दिया जाएगा। लेकिन बारिश ने पोल खोल कर रख दी।
हैरान करने वाली बात ये है कि मार्ग उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां बालासुंदरी को भी जोड़ता है। मंदिर न्यास की हर साल करोड़ों रुपए की आमदनी होती है। इसके अलावा मार्ग पर स्थित उद्योगों का हजारों करोड़ों का टर्नओवर है। बावजूद इसके सबंधित विभाग, मंदिर न्यास व कालाअंब चैंबर ऑफ कामर्स मिलकर भी इस सड़क की दुर्दशा को सही नहीं कर पा रहे हैं। मेले के दौरान तो इस मार्ग से गुजरना टेढ़ी खीर हो जाता है।
बहरहाल, शायद ये पहली बार ही ऐसा हुआ होगा जब तोड़े गए एक भवन की सामग्री का इस्तेमाल सड़कों के गड्ढे भरने के लिए किया गया होगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक लोक निर्माण विभाग द्वारा सुबह के वक्त एक ट्राली में भवन सामग्री को मौके पर लाया गया था। इसके बाद सामग्री से गड्ढों को भरा गया। फिलहाल इस मामले में विभागीय प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं है, मिलने की स्थिति में प्रकाशित की जाएगी।
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