30 जून को तय होगी किस्मत…
Ashoka Times….24 June 2025
पांवटा साहिब सिरमौर ट्रक आपरेटर यूनियन में चुनाव के दौरान माहोल गर्मा गया है । एक और मृदुभाषी, संयम और मीठी भाषा के लिए विख्यात बलजीत सिंह नागरा हैं तो दूसरी ओर थोड़े से गरम मिजाज लेकिन मिलनसार जसमेर सिंह भूरा हैं।
इस वक्त हिमाचल प्रदेश की सबसे पुरानी यूनियन यानी सिरमौर ट्रक ऑपरेटर यूनियन में चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। एक और बलजीत सिंह नागरा है जिन्हें कभी जसमेर सिंह अपना गुरु मानते थे और एक और जसमेर सिंह खुद हैं । देखने वाली बात यह होगी क्या इन चुनाव में जसमेर सिंह अपने गुरु बलजीत सिंह नागरा को मात दे पाएंगे।
पांवटा साहिब में सिरमौर ट्रक ऑपरेटर यूनियन का चुनाव मैदान में दो सशक्त चेहरे हैं, जसमेर सिंह भूरा और बलजीत सिंह नागरा, जिनके समर्थक अपने-अपने नेता को यूनियन की कमान सौंपने को बेताब हैं। बलजीत नागरा ने अपने पैनल में भरोसेमंद साथियों को उतारा है – उपाध्यक्ष पद के लिए महिमा सिंह, महासचिव के लिए कुलदीप खंडूजा, कैशियर के लिए हरबंश चौधरी और अड्डा प्रभारी के लिए भूपेंद्र सिंह। यह पैनल अनुभव और संगठनात्मक मजबूती की छवि पेश करता है।
वहीं जसमेर भूरा ने अपने पैनल में जुनून और नई सोच का मेल दिखाया है – उपाध्यक्ष पद पर देवेंद्र सिंह पप्पी, महासचिव विजय कुमार डिंपल, कैशियर राकेश और अड्डा प्रभारी देवेंद्र काला को उतारकर उन्होंने युवा जोश और भरोसे को आगे रखा है।
28 जून को सब नामांकन दाखिल हो चूके हैं, वैसे आपको बता दें कि इस बार माहौल को देखते हुए चेला गुरु पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि इंडस्ट्री से काम लेने के लिए ट्रक यूनियन में सख्त चेहरा होना जरूरी है ऐसे में बलजीत नगर थोड़े नरम दिल इंसान है, जबकि इंडस्ट्री से काम निकालने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति भूरा उर्फ जसमेर सिंह ज्यादा बेहतर कर सकते हैं। यह भी एक बड़ा कारण है कि यूनियन में गुपचुप एक बड़ा धड़ा जसमेर सिंह भूरा को सपोर्ट कर सकता है। वहीं पिछले दो सालों में इंडस्ट्री से काफी कम काम ट्रक यूनियन को मिला है इसका एक बड़ा कारण यह भी रहा कि इससे पहले बलजीत सिंह नागरा नरम दिल अध्यक्ष हुआ करते थे और जसमेर सिंह भूरा उपाध्यक्ष हुआ करते थे जो कि इंडस्ट्री पर सख्त लहजे में काम के डिमांड किया करते थे इनकी जोड़ी इसी कारण एक दशक तक हिट रही लेकिन पिछले दो साल में गुरु चेला थोड़े दूर हो गए हैं दोनों के विचारधाराए भी मेल नहीं खा पा रही हैं यही कारण है कि इस बार संभवत बलजीत नगर और जसमेर सिंह भूरा में जसमेर सिंह थोड़े भारी दावेदार नजर आ रहे हैं। वही यूनियन के लोगों का कहना है कि अगर जसमेर सिंह इस बार नहीं जीत पाए तो यूनियन चुनावों में उनका भविष्य सदा के लिए गुम हो जाएगा।
यह चुनाव सिर्फ पदों का नहीं, ट्रक ऑपरेटरों के हक, आवाज और भविष्य की दिशा तय करने का चुनाव है। हर वोट में है एक उम्मीद, हर प्रत्याशी की आंखों में एक सपना अब देखना ये है — किसका वादा दिलों तक पहुंचेगा, और किसका नाम जीत की मिसाल बनेगा।