पांवटा में चल रहे फर्जी अस्पताल ने कर दी महिलाओं की डिलीवरी…!
नवजात बच्चों के नहीं हो रहे नाम रजिस्टर्ड…मां बाप परेशान…
Ashoka Times…16 March 2024/paonta sahib
पांवटा साहिब चुंगी नम्बर 6 स्थित एक अस्पताल ने बिना प्रदेश में रजिस्ट्रेशन करवाए ही कई महिलाओं की डिलीवरी करवा दी। जिसके कारण अब कईं नवजात बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं।
पैसे के लालच में आकर अस्पताल प्रबंधन द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन करवाए ही महिलाओं की डिलीवरींयां करवानी शुरू कर दी। जिन महिलाओं ने इस अस्पताल में दो-तीन महीने पहले अपनी डिलीवरी कार्रवाई हैं उन नवजात बच्चों के ना तो नाम रजिस्टर्ड हो पा रहे हैं और न ही जन्म प्रमाण पत्र बन पा रहे हैं ना तो पंचायत में उनके नाम रजिस्टर्ड हो पा रहे हैं और ना ही नगर परिषद में क्योंकि उस वक्त ये अस्पताल प्रदेश में रजिस्टर्ड ही नहीं था जिसके कारण उन बच्चों को प्रमाण पत्र अस्पताल की ओर से जारी नहीं किए गए थे। ऐसे में अस्पताल की ओर से दिए जाने वाले डिस्चार्ज पेपर और प्रमाण पत्र भी नवजात शिशुओं के मां बाप को नहीं दिए गए।
फर्जी तरीके से की गई डिलीवरींयों के कारण अब बच्चों की डेट ऑफ बर्थ भी पूरी तरह से बदल गई है जिन महिलाओं की इस अस्पताल में कुछ महीने पहले डिलीवरी हुई है अब उन्हें 3 माह बाद के जन्म प्रमाण पत्र देने की बात अस्पताल प्रशासन कह रहा है।
बता दें कि इस पूरे मामले में पांवटा सिविल अस्पताल के कुछ एंबुलेंस ड्राइवर भी शामिल बताए जा रहे हैं जिन्होंने सिविल अस्पताल में जिन महिलाओं की डिलीवरी नहीं हो पा रही थी उन्हें इस अस्पताल का रास्ता दिखाया।
उधर एसएमओ सिविल अस्पताल पांवटा साहिब का कहना है कि इस अस्पताल की कई शिकायतें आई थी उन्होंने मौके पर स्थानीय अधिकारियों को वेरिफिकेशन के लिए भेजा है लेकिन उन्हें इस तरह की कोई भी शिकायत नहीं मिली है। वहीं दूसरी ओर अगर इस अस्पताल का रिकॉर्ड जप्त किया जाता तो अब तक एक दर्जन के करीब फर्जी तरीके से की गई डिलीवरियों का खुलासा सामने आ सकता था। फर्जी तरीके से बच्चों को पैदा करने वाले इस अस्पताल की सारी पोल पट्टी खुल सकती थी।
उधर बताया जा रहा है कि यह अस्पताल नाहन के एक रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी का अस्पताल है जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी कोई ठोस कार्रवाई करने से बचते नजर आ रहा है।
वही बता दे की आधा दर्जन से अधिक परिवार इस अस्पताल द्वारा किए गए फर्जी कारनामे के कारण अपने बच्चों के नाम दर्ज नहीं करवा पा रहे हैं वह पांवटा सिविल अस्पताल के भी चक्कर काट रहे हैं लेकिन क्योंकि डिलीवरी को लेकर कोई भी दस्तावेज उन परिवारों के पास नहीं है जिसके कारण उनके बच्चों के नाम पंचायत और नगर परिषद में रजिस्टर्ड नहीं हो पा रहे हैं।