पांवटा थाना बना झूठे मुकदमे दर्ज करने में अव्वल…?
आरोप… बिना जांच अपहरण का मुकदमा किया दर्ज…dsp को शिकायत…

Ashoka Times…5 December 23 paonta Sahib
पांवटा थाना में अपहरण मामले में नाम जद किए जाने के बाद युवक ने डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर को झूठा मुकदमा दर्ज करने की शिकायत सौंपी है जिसमें कुछ तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने का आग्रह भी किया गया है।
पांवटा थाना में पिछले कुछ महीनो में कईं गंभीर आरोप सामने आए जिसमें लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किये गए, आरोप हैं कि इन झूठे मुकदमों में कहीं ना कहीं या तो ड्रग्स माफिया सक्रिय नजर आया या फिर खनन माफिया, या थाना प्रभारी की आपसी रंजिश, ऐसा लगता है जैसे थाने को खनन माफिया और ड्रग्स माफिया चला रहे हैं।

इस बारे में डीएसपी पांवटा मानवेंद्र ठाकुर को ध्रूव कुंडलस ने एक शिकायत सौंपते हुए आरोप लगाए हैं कि उन पर 3 दिसंबर को एक झूठा मुकदमा बिना जांच किए दर्ज किया गया, एक अपहरण में शामिल किए जाने को लेकर थाना पांवटा साहिब में मुकदमा दर्ज किया गया। जबकि वह उस दिन अपनी मां के साथ नाहन में एक बीमार रिश्तेदार को देखने के लिए गए हुए थे, उन्होंने बताया कि पांवटा साहिब में एक अपहरण मामले में बिना जांच और तथ्यों के FIR में उनका नाम डाला गया है सिर्फ नाम ही नहीं उनकी गाड़ी को भी एफआईआर में नंबर के साथ शो किया गया है जबकि उस दिन उनकी गाड़ी नाहन की जैन पार्किंग में खड़ी हुई थी।
पार्किंग में गाड़ी की स्लिप….
उन्होंने बताया कि इस मामले में बिना जांच किए पांवटा थाना प्रभारी द्वारा ड्रग्स माफिया के दबाव में उन पर एफआईआर दर्ज की गई है जो कि सरासर गलत है और मेरे पांवटा साहिब से नाहन जाने के दौरान उन सभी सीसीटीवी को भी चेक किया जा सकता है जहां-जहां से मैं गुजरा हूं और नाहन में जहां पर मैं बीमार रिश्तेदार से मिलने के लिए गया था।
ध्रूव ने बताया कि 3 दिसंबर को एक व्यक्ति द्वारा अपने अपहरण की शिकायत दर्ज करवाई गई थी जिसमें उनका नाम एफआईआर में डाल दिया गया है। एफआईआर दर्ज करवाने पहुंचे लोगों की अगर उच्च अधिकारी थाने की फुटेज को चेक करते हैं तो कहीं ना कहीं काफी हद तक सच सामने आ जाएगा।
बता दें कि इससे पहले 58 वर्षीय पत्रकार पर भी 7 अक्टूबर 2022 को एक झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था। उन पर चेनसनैचिंग का मुकदमा दर्ज किया गया था जबकि वह पिछले 25 वर्षों से न केवल पत्रकारिता कर रहे हैं बल्कि वेल सेटल्ड फैमिली भी मानी जाती है । उनका तकरीबन एक करोड रुपए का मकान पहुंच शाही में स्थित है लग्जरी गाड़ी है और अच्छी खासी इनकम भी है उन्होंने इस पूरे मामले को जब हाई कोर्ट में पहुंचा तो हाई कोर्ट ने तथ्यों को देखते हुए तुरंत उन्हें जमानत दी।
वही दो अन्य मामलों में भी सामने आया है कि एक व्यक्ति पर थाना प्रभारी द्वारा आपसी रंजिश के चलते झूठा मुकदमा दर्ज किया गया जिसकी जांच एक निष्पक्ष पुलिस अधिकारी द्वारा की गई जिसमें सामने आया कि मुकदमा झूठा है। यह मुकदमा भी अदालत में है और जल्द ही इस पर भी कड़ी कार्रवाई के आदेश पारित हो सकते हैं।
इसके अलावा सूत्र ऐसे कई मामले बता रहे हैं जिनमें झूठे मुकदमे दर्ज किए गए और जब हाईकोर्ट में पिटीशन डाली गई तो हाई कोर्ट ने बेहद गंभीर धाराओं के बावजूद पुलिस द्वारा बनाए गए झूठे मुकदमों को भांप लिया और पांंवटा पुलिस अधिकारीयों द्वारा बनाए गए झूठे मुकदमों में लोगों को जमानत देकर उनको राहत दी गई।
वहीं ध्रुव कुंडलस ने पुलिस अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि 3 दिसंबर को वह नाहन में थे और पांवटा साहिब से एक पुलिस थाने से अधिकारी का उन्हें फोन भी आया था इस दौरान उन्होंने वीडियो कॉल की थी और अपने आप को नाहन में बाकायदा दिखाई भी था बावजूद इसके उन पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
वही इस बारे में डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर ने बताया कि उन्हें झूठा मुकदमा दर्ज करने की शिकायत मिली है इस मुकदमे में गहनता से जांच की जाएगी।
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