द स्कॉलर्स होम स्कूल में आयोजित हुआ दो दिवसीय सीबीएसई ट्रेनर प्रशिक्षण (TOT) कार्यक्रम का समापन
Ashoka Times…9 June 2025
द स्कॉलर्स होम स्कूल में 6 और 7 जून 2025 को सीबीएसई द्वारा प्रस्तावित ट्रेनर्स ऑफ ट्रेनिंग (ToT) कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए 114 सदस्यों ने भाग लिया जो कि अब तक का सबसे अधिकतम स्तर रहा।
इस इस कार्यशाला में उपस्थित सदस्य विभिन्न स्कूलों के निदेशक, प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य और अध्यापक गण थे।इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए उपस्थित सभी सदस्यों को दो ग्रुप में विभाजित किया गया जिसमें प्रथम ग्रुप स्कूल के कांफ्रेंस हॉल में तथा द्वितीय ग्रुप का आयोजन स्कूल के मल्टीपरपज हॉल (कालिंदी) में किया गया।
इस दो दिवसीय कार्यशाला में सीबीएसई संयुक्त सचिव श्री तरुण कुमार एवं रिसोर्स पर्सन पी एस जायसवाल और संजीव पुरी ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया। कार्यक्रम की शुरुआत में एक इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया गया जिसमें रिसोर्स पर्सन ने बताया कि इन दो दिनों में प्रतिभागी क्या-क्या सीखने वाले हैं।
पंचकूला, रोहतक, सोलन, अंबाला सहित विभिन्न स्थानों से आए प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर श्री अरुण मसीह ने भी उपस्थित सभी प्रशिक्षकों को नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह नीति छात्रों के समग्र विकास पर बल देती है और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को विशेष महत्व देती है।
उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार इन कोर्सेज़ को अपनाकर छात्रों को व्यावहारिक और करियर उन्मुख शिक्षा दी जा सकती है। सत्र अत्यंत रोचक और विचारोत्तेजक रहा, जिसमें उपस्थित सदस्यों ने अपने विचार भी साझा किए और इसे एक सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण से जोड़ते हुए बहुत सराहा।
दूसरे दिन, 7 जून को प्रतिभागियों से प्रस्तुतीकरण लिया गया, ताकि यह जाना जा सके कि उन्होंने कार्यशाला में क्या सीखा और किस हद तक उसे आत्मसात किया। इस अवसर पर स्कूल निदेशक महोदय डॉ नरेंद्र पाल सिंह नारंग, स्कूल निदेशक महोदया श्रीमती गुरमीत कौर नारंग, स्कूल सीनियर प्रधानाचार्य श्री अभिषेक शर्मा भी उपस्थित थे।
Director डॉ नरेंद्र पाल सिंह नारंग ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ शिक्षकों को छात्रों की आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से समझने और उनके समुचित विकास के लिए शिक्षण पद्धति में बदलाव लाने हेतु प्रेरित करती हैं। यह दो दिवसीय कार्यशाला सार्थक, ज्ञानवर्धक तथा प्रेरणादायक सिद्ध हई।