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Friday, August 1, 2025

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दोस्त ने किया दोस्त का क़त्ल…ऐसे हुआ बड़ा खुलासा…

महिला मित्र की मौजूदगी में दिया हत्या को अंजाम….

Ashoka Times….03 May 2025

इंजीनियर जितेंद्र सिंह की हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए सिरमौर पुलिस ने मृतक के ही एक दोस्त को गिरफ्तार किया है. मामले में आरोपी मनीष कुमार को पूछताछ के लिए कालाअंब पुलिस अमृतसर से लेकर आई और पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. बुधवार को आरोपी मनीष कुमार को अदालत में पेश किया जाएगा. पुलिस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है.

शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि इस हत्याकांड को अंजाम आरोपी ने अपनी महिला मित्र की मौजूदगी में दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, 29 मई की शाम को वारदात की शुरुआत पंजाब के खरड़ से हुई, जहां तीनों मृतक जितेन्द्र, आरोपी मनीष और एक युवती एक साथ पार्टी करने के लिए मिले। बीयर पार्टी पूरी रात चली, और अगले दिन ये लोग पंचकूला होते हुए सिरमौर की तरफ रवाना हुए।

इस दौरान मृतक जितेन्द्र की ही कार का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने मुख्य हाईवे के बजाय संपर्क मार्ग का उपयोग किया, जिससे भीड़भाड़ और निगरानी से बचा जा सके। कार में बैठकर बातचीत के दौरान नशे की हालत में आरोपी व पीड़ित के बीच तीखी बहस बाजी शुरू हो गई, जो घटनास्थल पर हिंसक झगड़े में बदल गई। बताया जा रहा है कि बहस के दौरान जितेन्द्र जानलेवा हमला कर दिया गया। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उसकी हालत बिगड़ गई। 30 मई की सुबह युवक को गंभीर अवस्था में पुलिस द्वारा नाहन मेडिकल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। हालांकि परिजन उसे पंचकूला के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उसने सोमवार दोपहर अंतिम सांस ली।

एएसपी सिरमौर योगेश रोल्टा ने कहा कि यह मामला 30 मई 2025 को सामने आया था. पुलिस कंट्रोल रूम नाहन से सूचना प्राप्त हुई थी कि पुलिस थाना कालाअंब के तहत पालियों में एक व्यक्ति जख्मी हालत में पड़ा है. इस पर तुरंत पुलिस टीम को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया. घटनास्थल से पीड़ित को ईलाज के लिए मेडिकल कॉलेज नाहन ले जाया गया, जिसकी हालत गंभीर होने के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. इस दौरान कालाअंब पुलिस थाना में हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था.

एएसपी ने बताया कि उसी दिन घटनास्थल का निरीक्षण करके घटनास्थल पर उपस्थित भौतिक साक्ष्य (खून लगे ग्लब्स, बेसबॉल का डंडा और मौके से खून के निशान) उठाए गए और आसपास के सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया. कैमरे की मदद से एक गाड़ी का पता लगाया गया. पीड़ित जितेंद्र को मारपीट के बाद इसी गाड़ी डस्टर (HR 79 2777) को लेकर आरोपी भाग गए, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी कैमरों में भी हुई है. एसएफएसएल जुन्गा की विशेष टीम को मौके पर बुलाकर भौतिक साक्ष्य (खून) को एकत्रित किए गए.एएसपी ने बताया कि उज्जल माजरी फॉरेस्ट चेक पोस्ट में सड़क पर लगे सीसीटीवी की फुटेज को चेक किया गया, तो पीड़ित की गाड़ी डस्टर घटनास्थल की तरफ आती हुई और वारदात के बाद गाड़ी इसी कैमरा में वापस जाती दिखाई दी.

एएसपी योगेश रोल्टा ने कहा, “31 मई को पीड़ित के दोस्त का संदेह के आधार पर पता करने के लिए पुलिस थाना कालाअंब से एक टीम चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर आदि के लिए रवाना की गई, जिसकी तलाश व पकड़ने के लिए टीम लगातार पीछा कर रही थी. 2 जून को पीड़ित जितेंद्र के दोस्त की तलाश पंजाब के इलाका में की गई. इस मामले में मंगलवार को वांछित आरोपी मनीष कुमार को पूछताछ के लिए अमृतसर से कालाअंब पुलिस थाना लाया गया, जहां पूछताछ के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसे कल अदालत में पेश किया जाएगा. पुलिस रिमांड लेकर मामले में आगामी जांच अमल में लाई जाएगी”.

वहीं, पीड़ित जितेंद्र चंडीगढ़ के ओजस अस्पताल में दाखिल था और उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया. चंडीगढ़ से शव को पोस्टमार्टम के लिए नाहन मेडिकल कॉलेज लाया गया. साथ ही मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया. बता दें कि मृतक इंजीनियर जितेंद्र सिंह पंजाब के खरड़ में कार्यरत था, जो विकास खंड नाहन के बर्मा पापड़ी का रहने वाला था.

एसपी एनएस नेगी ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिक साक्ष्य जुटाए, जिनमें खून से सना ग्लव्स, एक बेसबॉल बैट और घटनास्थल पर फैला खून शामिल था। इसके साथ ही आसपास के सीसी फुटेज की जांच की गई। फुटेज में यह स्पष्ट रूप से दिखा कि पीड़ित को हमले के बाद एक कार ( HR 79-2777) कार में भागे है। इसी आधार पर पुलिस ने वाहन और संदिग्धों की पहचान करना शुरू किया।

उधर,मंगलवार दोपहर पीड़ित युवक की बहन हिमांशु ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा केस की जांच को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। युवती ने बताया कि मनीष और उसकी एक महिला मित्र आईसीयू में उसके भाई से मिलने आई थीं। इसके अलावा पूर्व विधायक नाहन राजीव बिंदल ने भी पुलिस के कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए थे, साथी कहा था कि जिला सिरमौर में पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गई है दिन बिहारी लोगों के मर्डर हो रहे हैं और पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार तक नहीं कर पा रही है। इसके बाद जिला सिरमौर पुलिस अधिकारियों पर भी काफी दबाव था लगातार मामले में राजनीतिक तूल के चलते पुलिस में तुरंत विशेष दल बनाकर इस पूरे मामले का पर्दाफाश किया।

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