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डीएवीएन पब्लिक स्कूल ने दी बच्चों को इस महान संत की जानकारी…बच्चों को दिया संत का पुर्ण परिचय

 

Ashoka Times…10 June 2025

डी0ए0वीएन0 पब्लिक स्कूल ददाहू में कबीर जयंती पर विषेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संत कबीर को याद करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य धनेन्द्र गोयल ने कहा कि भारत वर्ष अनेक संतो की मातृभूमि हैं ,संत कबीर भी इन्ही महान संतो में से एक थे।

आज के दौर में जहां संतो को लगभग भुला दिया है और उनकी वाणी को भी याद रखने की जहमत नहीं उठाई जाती ऐसे में डी0ए0वीएन0 पब्लिक स्कूल ददाहू में कबीर जयंती पर विषेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान बच्चों को बताया गया कि संत कबीर के जन्म के बारे में बताया जाता हैं कि वह भारत के उत्तर प्रदेश के काषी में लहरतारा तालाब पर एक कमल के फूल पर एक बालक के रूप में पाए गए थे , जहां से नीरू -नीमा नामक दम्पत्ति ने जोकि निःसंतान थे ने इनको प्राप्त किया और अपने पुत्र के रूप में पालन पोषण किया । संत कबीर जुलाहा परिवार से संबंधित थे और इनकी पत्नी का नाम लोई था। संत कबीर के गुरू का नाम रामानन्द था । यह संत कबीर का 628वां प्रकट दिवस हैं।

विद्यालय के अध्यापक धनवीर शर्मा ने बताया कि कबीर जी ने ऐसे दोहे लिखे हैं जोकि दैनिक जीवन में हम सब के लिए षिक्षाप्रद हैं , जैसे करत-करत अभ्यास के जडमति होत सुजान , रसरी आवत जात हैं सिल पर पडत निषान । ऐसी वाणी बोलिए , मन का आपा खोय । औरन को षीतल करे ,आपहुं षीतल होय। उन्होने कहा कि संत कबीर एक महान और प्रमुख समाजसुधारकों में से एक है।

विद्यालय की अध्यापिका अम्बिका षर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि संत कबीर अपने समय के एक महान और ज्ञानी संतों में से एक है। कबीर के दोहे अपने आप में अथाह ज्ञान , मार्गदर्षन और जीवन जीने की सही राह समाये हुए हैं। संत कबीर के दोहों से शिक्षा प्राप्त करके हर इंसान अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। जैसे …माटी कहे कुम्हार से तु क्या रोंदें मोहे , इक दिन ऐसा आएगा मैं रोदूंगी तोये…. गुरू गोविन्द दोउ खडे , काके लागू पाय। बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो मिलाए। इसके अलावा भी कई ऐसे दोहे हैं जो अपने आपमें एक उदाहरण है। हमें इन दोहों से न केवल शिक्षा लेनी चाहिए अपितु अपने जीवन में भी उतारना चाहिए ।

विद्यालय के प्रधानाचार्य धनेन्द्र गोयल ने बताया के विद्यालय में सभी दिवस व अवसर हर्ष और उल्लास के साथ मनाये जाते हैं इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को महान संतो के बारे में जानकारी प्रदान करना हैं इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य धनेन्द्र गोयल , समस्त विद्यार्थी और विद्यालय का समस्त स्टाॅफ उपस्थित था ।

 

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