चार राज्यों की सीमाएं पार करने वाला टाइगर…हिमाचल से कश्मीर…!
यमुना पार कर पांवटा साहिब में भी आया था नजर…

Ashoka Times….7 January 2025
पांवटा साहिब । राजाजी नेशनल पार्क से एक युवा टाइगर आवारगी की सारी हदों को पार करते हुए 4 से 5 राज्यों में घूम रहा है। यह पहला ऐसा टाइगर है जो गंगा और यमुना दोनों को पार कर राज्यों की सीमाओं को तोड़ अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है।
एक जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले ही पांवटा साहिब में भी एक टाइगर नजर आया था। लेकिन अब समाचार है कि यमुना नदी को पार कर पूरे हिमाचल से होकर यह टाइगर कश्मीर तक जा पहुंचा, वहीं अब इसकी लोकेशन वापस हिमाचल से होते हुए हरियाणा की ओर की बताई जा रही है।

चार राज्यों की सीमाएं पार करने वाला यह टाइगर पहला ऐसा टाइगर बन गया है। राजाजी टाइगर रिजर्व के पूर्वी हिस्से में 50 से ज्यादा बाघ हैं. इनमें से ही एक युवा बाघ ने पहले गंगा नदी पार कर राजाजी के पश्चिमी हिस्से में अपनी पहुंच बनाई. इसके बाद ये बाघ राजाजी की ही सीमा को लांघकर उत्तर प्रदेश से होते हुए हिमाचल पहुंच गया. दरअसल अक्टूबर 2022 को यह बाघ टाइगर रिजर्व में अचानक दिखना बंद हो गया था. जिसके बाद फरवरी 2023 में इसे सिबलवाड़ा वाइल्डलाइफ सेंचुरी, पांवटा साहिब हिमाचल में देखा गया. इसके बाद मई 2023 में इस बाघ को हरियाणा के कलेसर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में रिकॉर्ड किया गया. हालांकि तीन महीने बाद अगस्त में ये बाघ वापस हिमाचल के जंगलों में देखा गया।
गंगा और यमुना नदी को क्रॉस करने वाला इकलौता बाघ… बता दे कि अक्सर बाग जैसा बड़ा बिग कैट पानी के भीतर जाने से कतराता है, लेकिन यह बाघ उनके लिए चुने बाघों में से एक है जो नदियों को तैर कर पर कर लेते हैं। उत्तराखंड वाइल्डलाइफ अधिकारियों के मुताबिक अब जम्मू कश्मीर से एक खबर आई है कि जम्मू कश्मीर के राजौरी में किसी टाइगर की तस्वीर सामने आई है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं हिमाचल और हरियाणा तक पहुंचने वाला राजाजी टाइगर रिजर्व का बाघ जम्मू कश्मीर तो नहीं पहुंच गया. हर कोई इस बात को लेकर हैरान है कि 700 से 800 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर कोई टाइगर कैसे कर सकता है.
राजाजी टाइगर रिजर्व बाघों के वास स्थल के रूप में सबसे करीबी क्षेत्र है. लिहाजा जम्मू कश्मीर में भी यदि कोई टाइगर दिखाई दिया है तो उसके राजाजी टाइगर रिजर्व का ही होने की सबसे ज्यादा संभावना है. हालांकि अभी वन विभाग की मानें तो यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वहां पर कोई टाइगर दिखाई दिया है. फिलहाल उत्तराखंड वन विभाग हिमाचल, हरियाणा और जम्मू कश्मीर के वन विभाग से भी इस बारे में सूचनाएं जुटा रहा है.
आरके मिश्रा, PCCF वाइल्डलाइफ, उत्तराखंड वन विभाग-ने कहा कि हम इस बारे में बहुत गंभीर हैं. हम देखते हैं कि अगर बाघ ने वहां माइग्रेट किया होगा तो हम पूरा स्टडी कर रहे हैं. हमें कोई लीड मिलेगी तो हम फोटोग्राफ्स से मिलान करके इसके बारे में बताएंगे.
बता दे कि यह बैग पिछले 10 महीना से गुमशुदा है और राधा जी नेशनल पार्क के अधिकारी लगातार इसको ट्रेस करने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि आखरी बार इसे हिमाचल में ही देखा गया था और फरवरी के बाद इसका कोई पता नहीं चल पाया है. जाहिर है कि इतने लंबे वक्त से टाइगर के ना दिखाने के कारण वन विभाग भी चिंता में आ गया है. बाघ एक दिन में 37 मील (लगभग 60 किमी) तक की दूरी तय कर सकता है. राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारियों के माने तो उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश और हरियाणा तक का रिकॉर्ड बाघ का उनके पास है । उसके बाद अभी उनके पास कोई तथ्यों के साथ प्रमाणिक तस्वीर नहीं मिली है। कश्मीर की तस्वीरें का भी मिलान किया जाएगा कि क्या यह वही बाघ है जो पहले ही चार राज्यों की सीमाओं को लंगर एक नई कहानी लिख रहा है।