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क्या होता है अर्जुन की छाल में इतनी गंभीर बीमारियों पर सीधे पड़ता है असर…

दिल की बढ़ी हुई धड़कनों के लिए भी है रामबाण … Benefits in Hindi Arjun Ki Chhal…

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Ashoka Times…1 May 23 

अक्सर हम सोचते हैं कि आखिर अर्जुन के पेड़ की छाल में ऐसा क्या होता है जो कई गंभीर बीमारियों पर इसका सीधा असर देखने को मिलता है इस आर्टिकल में आगे हम बताएंगे कि अर्जुन की छाल में आखिर होता क्या है।

ह्रदय से सम्बंधित…

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अगर आपके दिल की धड़कन अचानक बढ़ जाए यानी की सामान्य धड़कन 72 से बढ़कर 150 से ऊपर रहने लगे तो एक गिलास टमाटर के रस में 1 चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण मिलाकर नियमित सेवन करने से शीघ्र ही लाभ होता है।

इसके अलावा अर्जुन की छाल के 1 चम्मच महीन चूर्ण को मलाई रहित 1 कप दूध के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करते रहने से हृदय के समस्त रोगों में लाभ मिलता है, हृदय को बल मिलता है और कमजोरी दूर होती है। इससे हृदय की बढ़ी हुई धड़कन heartbeat सामान्य होती है।

ये हैं अर्जुन की छाल में…

आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़ का प्रयोग औषध के रूप में फल और छाल के रूप में होता है। अर्जुन की छाल में टैनिन सबसे ज्यादा होता है, इसके साथ पोटाशियम, मैग्निशियम और कैल्शियम होता है। ये सभी तत्व हमारे शरीर में बेहद महत्वपूर्ण कड़ी का काम करते हैं।

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और क्या है फायदे …

50 ग्राम गेहूँ के आटे को 20 ग्राम गाय के घी में भून लें, गुलाबी हो जाने पर 3 ग्राम अर्जुन की छाल का चूर्ण और 40 ग्राम मिश्री तथा 100 मिली खौलता हुआ जल डालकर पकाएं, जब हलवा तैयार हो जाए तब प्रात सेवन करें। इसका नित्य सेवन करने से हृदय की पीड़ा, घबराहट, धड़कन बढ़ जाना आदि विकारों में लाभ होता है।

आयुर्वेद में सबसे बड़ी मानी जाती है खोज…

तुरंत पड़ेगा फर्क …

हृदय रोगों में अर्जुन की छाल के कपड़छन चूर्ण का प्रभाव इन्जेक्शन से भी अधिक होता है। जीभ पर रखकर चूसते ही रोग कम होने लगता है। इसे सारबिट्रेट गोली के स्थान पर प्रयोग करने पर उतना ही लाभकारी पाया गया। हृदय की धड़कन बढ़ जाने पर, नाड़ी की गति बहुत कमजोर हो जाने पर इसको रोगी की जीभ पर रखने मात्र से नाड़ी में तुंत शक्ति प्रतीत होने लगती है। इस दवा का लाभ स्थायी होता है और यह दवा किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाती तथा एलोपैथिक की प्रसिद्ध दवा डिजीटेलिस से भी अधिक लाभप्रद है। यह उच्च रक्तचाप में भी लाभप्रद है। उच्च रक्तचाप के कारण यदि हृदय में शोथ (सूजन) उत्पन्न हो गयी हो तो उसको भी दूर करता है।

संक्रमण बुखार में आराम… Benefit in fever

अगर मौसम के बदलने के वजह से या किसी संक्रमण के कारण बुखार हुआ है तो उसके लक्षणों से राहत दिलाने में अर्जुन बहुत मदद करता है।

हड्डियां होती है मजबूत

एक चम्मच अर्जुन छाल चूर्ण को दिन में 3 बार एक कप दूध के साथ कुछ हफ्ते तक सेवन करने से हड्डी मजबूत होती जाती है। भग्न अस्थि या टूटी हुई हड्डी के स्थान पर इसकी छाल को घी में पीसकर लेप करें और पट्टी बाँधकर रखें, इससे भी हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है।

Beneficial in Anuria in Hindi 

मूत्र करते समय दर्द या जलन होना मूत्राघात के मूल लक्षण होते हैं। अर्जुन का औषधीय गुण इस बीमारी से निजात दिलाने में मदद करता है। अर्जुन छाल का काढ़ा बनाकर 20 मिली मात्रा में पिलाने से मूत्राघात में लाभ होता है।

अर्जुन की छाल सूट ना करें तो नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 

अर्जुन की छाल से पेट में हल्की सी सूजन और दर्द का अनुभव होता है।

इससे सिर दर्द और बदन दर्द की समस्या भी हो सकती है।

अगर यह सूट ना करें तो हल्की कमजोरी के साथ उल्टी मछली की समस्या भी हो सकती है

गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को अर्जुन की छाल लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

कुल मिलाकर जिस तरह महाभारत में अर्जुन का कोई तोड़ नहीं था ठीक वैसे ही आज आपके लाइफस्टाइल में यह आपके लिए रामबाण से कम नहीं है। जीवन में स्वस्थ बने रहने के लिए आयुर्वेद एक अच्छी पहल है।

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