कैसे बने अपने बच्चों की बेस्ट मॉम…पढ़िए पेरेंटिंग टिप्स…
ये टिप्स आपको बना सकते हैं बेस्ट मॉम….

Ashoka Times…4 May 23
हमें आज भी याद है किस तरह मां पूरा दिन काम करके भी हमें कभी यह महसूस नहीं होने देती थी कि वह बुरी तरह से थक गई बल्कि उसके चेहरे पर हमेशा अपने बच्चों की छोटी-छोटी ख्वाहिशों को पूरा करने की चाह भरी रहती थी।
पेरेंटिंग टिप्स से बने अपने बच्चों की बेस्ट मॉम…

सभी का बच्चों की परवरिश का तरीका अलग होता है और सब उसी के अनुसार बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। हमने पेरेंटिंग मां से सीखी कुछ विशेष आदतें आपके साथ भी शेयर करेंगे।
कहा जाता है कि मां से बेहतर मित्र कोई नहीं हो सकता। बचपन से मेरी मां मेरी बेस्ट फ्रेंड की तरह थीं। कभी मेरी बड़ी बहन, तो कभी मेरे नखरे उठाने वाली दोस्त के रूप में मैंने मां को देखा। न जाने कितनी बार मुझे पापा से बचाया, लेकिन कभी मेरी गलतियों को छिपाया नहीं।
ज्योति बताती हैं कि सच कहूं तो मां की सीख वास्तव में उस समय सबसे ज्यादा काम आई जब मैं खुद एक बच्चे की मां बनी । मां बनने के बाद एहसास हुआ कि कैसे मां ने अपनी फेवरेट साड़ी के खराब होने पर भी मुझे डांटने के बजाय गले से लगा लिया था, कैसे मेरी मां खुद कई बार बिना कुछ खाए-पिए हुए मुझे और मेरे भाई की फेवरेट डिश तैयार करती थी।
किसी ने सच ही कहा है कि मां का त्याग और तपस्या के सही मायने मुझे अपने बच्चों के बाद ही पता चले और मेरी मां की पेरेंटिंग टिप्स अभी तक मेरे बच्चों की परवरिश में काम आ रही हैं।
बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें…
बचपन में जब मां वर्किंग थी और दिनभर के बाद थक कर घर आती थी तब मेरी और मेरे भाई की कुछ अलग ही डिमांड होती थीं जैसे मम्मी मुझे खाने में कुछ स्पेशल चाहिए, मेरा होमवर्क कंप्लीट करना है, अरे कल मुझे स्कूल में प्रेजेंटेशन देना है उसकी तैयारी करनी है।
हम शायद ये भूल ही जाते थे कि मां भी थक सकती है और आराम करना चाहिए। लेकिन मेरी मां ने हमें हमेशा ज्यादा से ज्यादा समय दिया। आप भले ही वर्किंग हैं और दिनभर के बाद घर क्यों न आती हों लेकिन बच्चों को समय जरूर दें। आप भले ही उनका होमवर्क पूरा न करा पाएं, लेकिन उनकी हर एक बात को धैर्य से जरूर सुनें।
parenting tips for all mothers…बच्चों की बेस्ट फ्रैंड बनें…
खासतौर पर टीन एज में जब बच्चों के मन में बहुत सी जिज्ञासाएं होती हैं तब आप उनसे हर एक बात दोस्त की तरह शेयर करें।
बात-बात पर कमी ना निकालें…
बेस्ट मॉम बनने के लिए अपने बच्चे की छोटी-छोटी गलतियों पर बार-बार उसे ना डांटे
कमी हर एक व्यक्ति में होती है और कोई भी परफेक्ट नहीं है, लेकिन इस बात को मेरी मां ने मुझे बखूबी समझाया कि मुझमें कितनी भी कमियां क्यों न हों, लेकिन मैं फिर भी सबसे अलग हूं और मेरे भीतर लाखों खूबियां हैं।
मैंने भी मां की इस सीख को याद करते हुए अपने बच्चों की परवरिश में कभी भी उनकी कोई कमी नहीं निकाली। अगर मुझे बच्चों में कोई कमी दिखी भी तो मैंने उन्हें धैर्य से समझाया और उनकी गलतियों को सुधारने का सुझाव दिया।
कम्युनिकेशन बनाए रखें…
बच्चों से नाराजगी बेहद आम बात है छोटी-छोटी बातों पर बच्चों से नाराज होना
लेकिन अगर आप बेस्ट मॉम बनना चाहते हैं तो आपको अपने और अपने बच्चों के बीच कभी भी कम्युनिकेशन गैप को नहीं आने देना है आप भले ही बच्चों से कितनी भी नाराज क्यों न हों, लेकिन उनसे हमेशा कम्युनिकेशन बनाए रखें। बच्चों को आपकी अहमियत का एहसास तभी होता है जब आप उनसे हर एक तरह की बात करेंगी और उनकी बातें सुनेंगी। मेरी मां आज भी मुझसे जब मिलती हैं हम ढेर साड़ी बातें करते हैं और मेरे बच्चे भले ही अब बड़े हो गए हों , लेकिन समय निकालकर उनकी बातें जरूर सुनती हूं।
बच्चों की परवरिश का सही तरीका मैंने अपनी मां से सीखा, उन्होंने मुझे सिखाया कि हमेशा बच्चों के दोस्त बनकर रहना चाहिए और उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहिए।
आप इस बात से भी अपने आप को बेस्ट मॉम का खिताब दे सकती हैं अगर स्कूल या कॉलेज से आते ही अगर बच्चा आपको अपने पूरे दिन की दिनचर्या बताता है तो आप उसकी बेस्ट मॉम हैं और बेस्ट फ्रेंड भी इस मौसम को हमेशा बनाए रखें बच्चे को कभी भी उस स्थिति में मत पहुंचाएं कि उसे बाहर के समाज में दोस्त और रिश्ते ढूंढने पड़ें। हालांकि क्लासमेट्स की दोस्ती अलग बात है लेकिन कभी भी अपने बच्चों को ऐसा एहसास मत होने दे जो उन्हें भ्रम और भटकाव की ओर ले जाए।
वही बेस्ट मॉम के चक्कर में आप बच्चों को इतना भी खुद पर डिपेंड न बनाएं कि वह पूरी तरह से आप पर ही निर्भर हो जाए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का सबक एक बेस्ट मॉम ही सिखा सकती, उन्हें बाहर के लोगों से कैसा व्यवहार करना है इस तरह की बातें बेहतरीन मां-बाप ही बच्चों को सिखा सकते हैं उन्हें हमेशा यह अहसास होना चाहिए कि आप उनके साथ हमेशा खड़े।
बेस्ट मॉम का काम है कि वह अपने बच्चे के दोस्तों-यारों का सम्मान करें तभी आपको पता चल पाएगा कि आपके बच्चे के दोस्त किस तरह के हैं।
अगर बच्चे आपसे स्कूल या कॉलेज की दोस्तों की बातें छुपा रहे हैं तो समझिए कहीं ना कहीं कुछ कमनिकेशन गैप आया है। आप उनकी बातें सुन गलतियों पर डांट फटकार न लगाए। बल्कि बिल्कुल सहज होकर बच्चों को सही और गलत का फर्क बताएं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके बच्चों के बीच जल्द ही एक गैप आना शुरू हो जाता है यही छोटी छोटी बातें अक्सर बच्चों और मां-बाप के बीच दूरियां लाती है।
वैसे बेस्ट मॉम बनना इतना मुश्किल भी नहीं है कि आप ना बन पाए बस थोड़ा सा सब्र थोड़ा सा प्यार और अपनी ख्वाहिशों का थोड़ा बहुत समझौता करना सीख लीजिए। आप बन जाएगी दुनिया की बेस्ट मॉम …