कैसा होना चाहिए आपके बच्चे का TEACHER…पढ़िए कैसा हो बच्चे का स्कूल…
क्या आपके बच्चे के स्कूल में है ऐसा माहौल…

Ashoka Times…20 April 23
हर व्यक्ति चाहता है कि उसके बच्चे का व्यक्तित्व भविष्य उज्जवल हो लेकिन सवाल यह उठता है कि बच्चे के व्यक्तित्व का भविष्य उज्जवल करने में किन दो लोगों की सबसे बड़ी अहमियत होती है आज हम आपको इस बारे में भी बताएंगे।
सबसे पहले आपके बच्चे का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आप कैसी शिक्षा प्रणाली के तहत उसे स्कूल भेज रहे आपको पता होना चाहिए कि आपके बच्चों के भविष्य के लिए किस तरह की शिक्षा प्रणाली उसका भविष्य सुधार सकती है।

स्कूल का चयन…
सबसे पहले बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए स्कूल का चयन सोच समझ कर करें बच्चे का बेसिक अगर कमजोर होगा तो आगे की पढ़ाई उसके लिए बेहद दुखदाई और भारी पढ़ सकती है।
क्या महंगे स्कूल ही फायदेमंद…
हर तरफ शिक्षा का व्यापारीकरण शुरू हो चुका है ऐसे में आसमान को छूती फीस बच्चे के भविष्य को निर्धारित नहीं कर सकती । अक्सर मध्यमवर्गीय परिवार अमीरों की नक़ल करके अपने बच्चो को बड़े स्कूलों में एडमिट करवा देते है जहां पर अमीरों के बच्चो में पढ़ने के लिए ज्यादा झुकाव नहीं होता और मध्यमवर्गीय बच्चे भी उनकी देखा देखी में पढ़ाई नहीं करते और अपने करियर में पीछे रह जाते है। अमीरों के बच्चे बिजनेस या अपने विरासत में मिले व्यपार को आगे बढ़ाकर खुद को स्थापित कर लेते हैं ।
सबसे अहम बात है कि आपके बच्चे के भविष्य और व्यक्तित्व में शिक्षकों का रोल सबसे महत्वपूर्ण रहता है। अक्सर स्कूल जाते वक्त आप शिक्षकों से बात करते हैं उनके बिहेवियर और बात करने के तरीके से ही आप समझ सकते हैं कि आपके बच्चे को किस तरह की शिक्षा भविष्य में मिलने वाली है क्योंकि एक शिक्षक से बच्चे के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है स्कूल में कई घंटे शिक्षक की निगरानी में बच्चा रहता है ऐसे में शिक्षकों का नियमानुसार डिग्री होल्डर होना जरूरी है, शिक्षक का पोलाइट होना बेहद जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण बात एक अच्छे शिक्षक को यह पता होना चाहिए बच्चे शॉर्ट मेमोरी (short memory) होते हैं उन्हें अच्छी आदतों के लिए बार-बार फ़ीड करना पड़ता है केवल एक बार कह देने से बच्चों की जिंदगी में अच्छी आदतें नहीं बन जाती बल्कि बार-बार जब बच्चों को प्यार से समझाया जाता है तभी वह उनके दिमाग में बैठाई जा सकती है।
कितनी सख्ती जरूरी…
हालांकि बच्चों के लिए थोड़ी सख्ती भी जरूरी होती है लेकिन यह शिक्षक और मां-बाप के विवेक पर निर्भर करता है कि बच्चे को कितना सख्ती के साथ डांटना है क्योंकि अगर आप बहुत ज्यादा सख्ती बच्चे पर करते हैं तो वह उसका आदी हो सकता है इसलिए बच्चों पर सख्ती और डांट बैलेंस कर दिया जाना चाहिए।
Teacher Workshop…
इसके अलावा आपके बच्चे की स्कूल की रेपुटेशन उससे निकलने वाले बच्चों का भविष्य वहां किस शिक्षा प्रणाली को अपनाया गया है क्या वहां के शिक्षक प्रोफेशनल एजुकेशन डिग्री होल्डर हैं। सबसे महत्वपूर्ण इसके अलावा क्या स्कूल द्वारा शिक्षकों को समय-समय पर शिक्षा प्रणाली और बच्चों के साथ बिहेव को लेकर कार्यशाला [workshop] लगाई जाती है या नहीं।
नोट…बच्चों के सबसे पहले और सदैव प्रथम गुरु मां बाप होते हैं घर से ही बच्चे का व्यक्तित्व और भविष्य जुड़ा होता है।
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