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काले बिल्ले लगाकर डॉक्टरों ने शुरू की अपने लड़ाई…मुख्यमंत्री को याद दिलाया उनका वायदा

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Ashoka Times….18 जनवरी 24 हिमाचल प्रदेश

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हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में काले बिल्ले लगाकर डॉक्टर ने अपने रोज़ प्रकट किया इस दौरान मुख्यमंत्री को उनके द्वारा किए गए वादे पूरे करने की मांग भी दोहराई।

हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ पांवटा साहिब इकाई अपनी मांगों को लेकर कल बिल्ले लगाकर रोष प्रकट करते नज़र आए। इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेगें। इसके लिए सभी चिकित्सक 18 जनवरी से काले बिल्ले लगाकर अपना रोष प्रदर्शन करेंगे। यह बात पांवटा साहिब अस्पताल में आयोजित रोष प्रकट करते डाक्टर एवी राघव व एक दर्जन के करीब डाक्टरों ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 3 जून को हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की संयुक्त संघर्ष समिति को आश्वासन दिया था कि भविष्य में चिकित्सकों की नियुक्ति के समय एनपीए को पुनः संलग्न कर दिया जाएगा लेकिन धरातल पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति में इसे नहीं जोड़ा गया है। जिससे इस वर्ग में खासा रोष है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अनुबंध पर नियुक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों को 33660 रुपए वेतन के रुप में देय जोकि पूरे भारतवर्ष में सबसे कम है और साथ ही एक बहुत ही दुखद विषय भी है।

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 3 जून को एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का भार भी पुणे स्वास्थ्य निदेशक को लौटने की बात कही थी, साथ ही मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधीक्षक की शक्तियों को भी संशोधन के साथ लौटाने के लिए सहमति जताई थी, परंतु मुख्यमंत्री के वायदों को सात महीने बीत जाने के बाद भी पालन न होने पर चिकित्सा समुदाय में भारी रोष है।

डा. पीयूष तिवारी ने फोनकॉल पर बताया कि स्वास्थ्य विभाग में लगभग डेढ़ वर्षों से खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी, डिप्टी डायरेक्टर्स के पदों पर पदोन्नति नहीं हुई है। इस संदर्भ में उन्हें केंद्रीय सरकार की तर्ज पर डायनेमिक करियर प्रोग्रेशन स्कीम के तहत लाभ प्रदान किए जाएं।

हिमाचल प्रदेश में चिकित्सक दुर्गम क्षेत्रों में भी दिन. रात अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और उन्हें व केंद्रीय सरकार या बिहार जैसे अन्य राज्यों की अपेक्षा में बहुत ही कम वेतन दिया जा रहा है और उनके बाद एनपीए को पेंशन की गणना से हटाना भी एक दुर्भाग्यपूर्ण विषय है। डा. तिवारी ने मुख्यमंत्री से संघ की ओर से आग्रह किया है कि जो पहले से चिकित्सकों को मिलता आ रहा है उसे यथावत पुनः प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के वायदों का धरातल पर क्रियान्वित न होने के चलते हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ 18 जनवरी से काले बिल्ले लगाकर अपना रोष प्रकट करेगा और आगे की रणनीति अग्रिम बैठकों के अनुसार तय करेगा।

इसके साथ उन्होंने सेवा विस्तार पर भी तुरंत रोक लगाने की गुहार सरकार से लगाई। उन्होंने कहा कि इस अवैध सेवा विस्तार से जहां पदोन्नति के अवसर समाप्त हो रहे हैं वहीं नए युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।

वही इस मौके पर वरिष्ठ डॉक्टर सुधी गुप्ता, डॉक्टर राजीव चौहान, डॉक्टर अमिताभ जैन, वरिष्ठ डॉक्टर कमाल पाशा के साथ एक दर्जन डाक्टरों ने अपनी मांगों का समर्थन किया।

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