आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लिए विशेष राहत पैकेज को मंजूरी, जानिए मंत्रिमंडल के बड़े फैसले
Ashoka Times…28 July 2025
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में इस मानसून में बादल फटने और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आपदा राहत पैकेज को मंजूरी दी गई। राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य भर में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए एक विशेष राहत पैकेज देने का निर्णय लिया है। इस पैकेज के तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान के लिए 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को पांच गुना से भी ज्यादा बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए 12,500 रुपये के मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी मंत्री जगत सिंह नेगी व यादवेंद्र गोमा ने दी।
बाढ़ में नष्ट सामान के लिए भी मिलेगी राहत
इसके अतिरिक्त, दुकान या ढाबे के क्षतिग्रस्त होने पर दी जाने वाली 10,000 रुपये की मुआवजा राशि को दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। राज्य सरकार क्षतिग्रस्त गोशालाओं के लिए 10,000 रुपये की बजाय 50,000 रुपये की बढ़ी हुई वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। किरायेदारों के सामान की क्षति या हानि के लिए भी 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी, जबकि मालिक को सामान के नुकसान के लिए 70,000 रुपये मिलेंगे। बड़े दुधारू पशुओं के नुकसान के लिए 37,500 रुपये की बजाय 55,000 रुपये प्रति पशु दिए जाएंगे। जबकि बकरी, सुअर, भेड़ और मेमने के नुकसान के लिए मुआवजा 4,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये प्रति पशु कर दिया गया है।
खेत, बगीचे पूरी तरह नष्ट होने पर इतने हजार मिलेंगे…
राज्य सरकार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त पॉलीहाउस के लिए 25,000 रुपये और घरों की गाद निकालने के लिए 50,000 रुपये का मुआवजा देगी। राज्य सरकार कृषि और बागवानी भूमि के नुकसान के लिए 3900 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा मुआवजा देगी। गाद निकालने की गतिविधियों के लिए राज्य सरकार ने मुआवजे की राशि 1500 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 6000 रुपये प्रति बीघा कर दी है। राज्य सरकार ने फसलों के नुकसान के लिए भी मुआवजे की राशि 500 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति बीघा कर दी है।
राजीव गांधी वन संवर्धन योजना को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य समुदाय संचालित दृष्टिकोण के माध्यम से वन संरक्षण और विकास को मजबूत करना है। यह योजना पूरे राज्य में पांच वर्षों में 100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ लागू की जाएगी। इस पहल के तहत महिला मंडल, युवक मंडल, स्वयं सहायता समूह और अन्य पंजीकृत सामुदायिक समूहों जैसे समुदाय आधारित संगठन वन संरक्षण और विकास गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होंगे। प्रत्येक सहभागी संगठन वृक्षारोपण प्रयासों के लिए प्रति हेक्टेयर 1.20 लाख रुपये तक प्राप्त करने का पात्र होगा। यदि पाैधरोपण के लिए भूमि का टुकड़ा एक हेक्टेयर से कम है तो वित्तीय सहायता आनुपातिक रूप से दी जाएगी। इसके अतिरिक्त रोपे गए पौधों की जीवित रहने की दर के आधार पर प्रति हेक्टेयर 1.20 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम में होगा संशोधन….
नगरपालिका चुनावों के दौरान प्रक्रियागत कमियों और व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। वार्डों के अंतिम प्रकाशन के लिए एक मानक प्रारूप लागू करने के लिए नियम 9 में संशोधन किया गया है, जिससे पूरे राज्य में एकरूपता सुनिश्चित हो सके। नियम 27 और 28 में यह प्रावधान शामिल करने के लिए संशोधन किया गया है कि नियम 35 के तहत चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित होने के बाद मतदाता सूची में कोई परिवर्तन या परिवर्धन की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, नियम 35(3) में संशोधन करके चुनाव कार्यक्रम को अधिसूचित करने का अधिकार उपायुक्त से राज्य चुनाव आयोग को हस्तांतरित कर दिया गया है, जो अब नामांकन पत्र दाखिल करने से कम से कम सात दिन पहले अधिसूचना जारी करने के लिए जिम्मेदार होगा। इसके अतिरिक्त, नियम 88 में संशोधन करके मनोनीत सदस्यों को निर्वाचित सदस्यों के साथ भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेने की अनुमति दी गई है।
आईजीएमसी- टांडा में रेडियोलॉजिस्ट व एनेसथिसिया की सीटें 50-50 होगी…
मंत्रिमंडल ने बीएससी मेडिकल लैब तकनीक, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग और बीएससी एनेस्थीसिया एंड ऑपरेशन थिएटर तकनीक पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाने को पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज (आरपीजीएमसी), टांडा में 18 से बढ़ाकर 50 की जाएगी। हमीरपुर जिले के धनेटा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने तथा इसके प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक पदों के सृजन व भरने का निर्णय लिया गया। शिमला जिले के सुन्नी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत खैरा में एक नई पुलिस चौकी खोलने तथा इसके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक पदों के सृजन व भरने को भी मंजूरी दी गई।
नगर पंचायत जवाली को नगर परिषद बनाया
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने क्षेत्र में प्रशासनिक दक्षता और पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए चंबा जिले में पुलिस चौकी हटली का अधिकार क्षेत्र पुलिस स्टेशन चुवाड़ी से पुलिस स्टेशन सिहुंता को हस्तांतरित करने को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने मंडी जिले में रत्ती-नागचला विशेष क्षेत्र और नेरचौक योजना क्षेत्र के पुनर्गठन को भी मंजूरी दी। कांगड़ा जिले में नगर पंचायत जवाली को नगर परिषद में स्तरोन्नत करने को भी मंजूरी दी गई। बैठक में शिमला जिले में नगर परिषद सुन्नी को उसके अधिकार क्षेत्र से कुछ क्षेत्रों को बाहर करके नगर पंचायत के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने को भी मंजूरी दी गई।
15 कैदियों की समयपूर्व रिहाई की मंजूरी
स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए मंत्रिमंडल ने सोलन जिले में नवनिर्मित उप तहसील लौहाराघाट के अधिकार क्षेत्र को उप मंडल अर्की से उप मंडल नालागढ़ में स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया। राज्य दंड समीक्षा बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार 15 कैदियों की समयपूर्व रिहाई को भी मंजूरी दी गई, इस शर्त के साथ कि रिहाई के बाद उनके आचरण को सुनिश्चित किया जाएगा। ऐसा पहली बार किया गया है।
राजस्व मंत्री के साथ दुर्व्यवहार की घटना की निंदा की….
मंत्रिमंडल ने राजस्व मंत्री के साथ दुर्व्यवहार की घटना और मंडी जिले के सिराज क्षेत्र के उनके हालिया दौरे के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से राष्ट्रीय ध्वज के प्रति दिखाए गए अनादर की निंदा की। मंत्रिमंडल ने आम जनता से आपदा राहत कोष में उदारतापूर्वक योगदान देने की अपील की क्योंकि इस प्रकार एकत्रित धनराशि प्रभावित परिवारों की मदद में काफी मददगार साबित होगी। बैठक के दौरान हाल ही में आई आपदा और उसके बाद किए गए बचाव उपायों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई।
आपदा से हुई जान-माल की हानि पर भी मंत्रिमंडल ने जताया दुख….
राज्य भर में हाल ही में आई आपदा से हुई जान-माल की हानि पर भी मंत्रिमंडल ने गहरा दुख व्यक्त किया। मंत्रिमंडल ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और आपदा से प्रभावित सभी लोगों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), भारतीय सेना, राज्य पुलिस, होमगार्ड, गैर सरकारी संगठनों और अन्य व्यक्तियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने राहत और पुनर्वास कार्यों में अमूल्य सहयोग दिया।