Ashoka Times….24 December 2024
मंगलवार को डी०ए०वी एन० पब्लिक स्कूल ददाहू में शिक्षा, अनुशासन, चरित्र और संस्कार पर महत्वपूर्ण कार्यकम आयोजित किया गया।
इस दौरान विद्यालय के अध्यापक सत्यप्रकाश ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए सभी विद्यार्थियों को कहा कि चरित्र और संस्कार यदि अच्छा हैं तो व्यक्ति अपने लक्ष्य से कभी भटक नहीं सकता। जो व्यक्ति अपने उच्च चरित्र और संस्कार के लिए जाना जाता हैं वह हमेशा इस समाज में सम्मान पाता है, क्योंकि कहा गया है कि “विदेशेषु धनं विद्या व्यसनेषु धनं मतिःपरलोके धनं धर्मःशीलं सर्वत्र वै धनम” अर्थात विदेश में विद्या धन हैं, संकट में बुद्धि धन हैं परलोक में धर्म धन हैं और शील या चरित्र सर्वत्र ही धन हैं। चरित्र की यत्नपूर्वक रक्षा करनी चाहिए। धन तो आता जाता रहता हैं। धन के नष्ट होने पर भी चरित्र सुरक्षित रहता हैं, लेकिन चरित्र नष्ट होने पर सबकुछ नष्ट हो जाता है।
विद्यालय के अध्यापक धनवीर शर्मा ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण भाग हैं जिससे व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल जाती हैं। संस्कार मनुष्य के जीवन का सार हैं। अच्छे संस्कारों से ही मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण तथा विकास होता हैं शिक्षा और संस्कारों से ही अच्छे चरित्र का निर्माण होता हैं। श्री शर्मा ने ईश्वर पर विश्वास, सहनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा आदि गुणों का समावेश अपने व्यक्तित्व में विद्यार्थियों को करने के लिए कहा।
विद्यालय की अध्यापिका अम्बिका शर्मा ने इस अवसर पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि जीवन जितना सजता हैं मां-बाप के प्यार से उतना ही महकता हैं, चरित्र व संस्कार से । मनुष्य के जीवन में जितना महत्व भोजन, कपडे, हवा और पी का हैं उससे कहीं अधिक महत्व जीवन में शिक्षा, चरित्र व संस्कार का हैं, इन तीनों के बिना मनुष्य का जीवन शून्य हैं, कोई भी व्यक्ति कितना बडा धनवान हो या गरीब हो इससे फर्क नहीं पड़ता। उसका व्यवहार सबके साथ कैसा हैं, क्या वह संस्कारी हैं शिक्षित हैं व चरित्रवान हैं यह मायने रखता हैं जीवन में शिक्षा, चरित्र व संस्कार का महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह इंसान को इसान बनाता है। वह अपने कर्मों से देवत्व की प्राप्ति भी कर सकता है। इसलिए हमेशा इपने चरित्र को सही रखे और अच्छे संस्कार व अच्छी शिक्षा प्राप्त करें ।
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विद्यालय के प्रधानाचार्य धनेन्द्र गोयल ने बताया कि हमारे विद्यालय का मोटो अनुशासन, चरित्र, शिक्षा और संस्कार है। बच्चों को उच्चकोटि की शिक्षा के साथ-साथ उच्चकोटि के संस्कारों की भी अति आवश्यकता है। इस कारण समय समय पर चरित्र और संस्कारों से जुडे कार्यक्रम विद्यालय में आयोजित किए जाते रहते हैं आज का कार्यक्रम भी इसी कार्यक्रम का हिस्सा था, ताकि विद्यार्थियों के उज्ज्वल चरित्र का निर्माण हो सके ।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य धनेन्द्र गोयल और विद्यालय का समस्त स्टॉफ और विद्यार्थी उपस्थित थे। 9418182257, 9816852257