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Saturday, August 2, 2025

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*सैनिक की तरह नशे जैसे दुश्मन को प्रवेश करने से रोकें: राज्यपाल*

*राज्यपाल ने धौलाकुंआ में नशा उन्मूलन जागरूकता शिविर में लिया भाग*

*विद्यार्थियों की नशा मुक्ति रैली को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना*

Ashoka time’s…26 March 25 

राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में एक बड़े नशा मुक्ति केंद्र की आवश्यकता है और इसके निर्माण की दिशा में प्रदेश सरकार को कदम उठाने चाहिए। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे सैनिक की भांति सतर्क रहकर नशे को अपने घरों में प्रवेश न करने दें।

राज्यपाल आज सिरमौर जिले के धौलाकुंआ स्थित क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के अंतर्गत खैरी अनुसंधान प्रक्षेत्र में डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी (सोलन) तथा आई.सी.ए.आर. – केंद्रीय गौवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ द्वारा आयोजित “किसान मेला एवं नशा उन्मूलन जागरूकता शिविर” में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने खैरी अनुसंधान प्रक्षेत्र का उद्घाटन किया और विद्यार्थियों की नशा जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुधारात्मक कार्यों के बिना नशा उन्मूलन संभव नहीं है। उन्होंने विशेष रूप से पंचायती राज संस्थाओं एवं महिलाओं से इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर नए सत्र से प्रत्येक विद्यार्थी को नशा न करने का शपथ पत्र देना होगा और यदि कोई विद्यार्थी नशे का सेवन करता पाया गया तो उसका प्रवेश रद्द कर दिया जाएगा।

राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हिमाचल प्रदेश में “नशामुक्त हिमाचल अभियान” आरंभ किया। प्रारंभ में अपेक्षित सफलता नहीं मिली, लेकिन अब सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान तभी सफल होगा जब समाज के सभी वर्ग—विशेष रूप से शिक्षक, माता-पिता और युवा इसमें सक्रिय भागीदारी निभाएं।

राज्यपाल ने कहा कि नशा केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करने वाली गंभीर बुराई है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां लोगों की आजीविका कृषि और मेहनत-मजदूरी पर निर्भर है, नशे की लत पूरे परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को कमजोर कर देती है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया और विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकाशनों का अनावरण किया।

उन्होंने सिरमौर जिला प्रशासन द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की प्रस्तुति देखी और “नमो ड्रोन दीदी” परमजीत कौर से संवाद किया।

बाद में, राज्यपाल ने केंद्र परिसर में रुद्राक्ष और सिंदूर के पौधे रोपित किए।

कार्यक्रम में डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल ने राज्यपाल का स्वागत किया और विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

आई.सी.ए.आर.-केंद्रीय गौवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजीव वर्मा ने अनुसूचित जाति के उत्थान में संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डाला।

अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने राज्यपाल को अनुसंधान केंद्र द्वारा संचालित गतिविधियों से अवगत कराया।

सिरमौर जिले के पुलिस विभाग से राधिका तोमर, स्वास्थ्य विभाग से मनोचिकित्सक डॉ. नवदीप तथा जिला कल्याण अधिकारी श्री विवेक अरोड़ा ने नशा उन्मूलन जागरूकता पर अपने विचार रखे।

इसके अलावा, हिमालयन इंस्टीट्यूट, काला अंब के छात्रों ने लघु नाटिका प्रस्तुत की, जिसमें नशे के दुष्प्रभावों को प्रभावशाली ढंग से दिखाया गया।

इस अवसर पर, गणित के अध्यापक श्री अनूप मित्तल ने नशे से बाहर निकलने के अपने अनुभव सांझा किये।अनुसंधान केंद्र, धौलाकुंआ की सह निदेशक डॉ. प्रियंका ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री सी.पी. वर्मा, कार्यकारी उपायुक्त श्री एल.आर. वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री निश्चिंत सिंह नेगी, जिला प्रशासन के अधिकारीगण, गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे

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