पढ़िए कैसे होता है डेंगू और स्क्रब टायफस…
Ashoka Times…2 सितम्बर 23 sirmour
जिला सिरमौर में स्क्रब टायफस और डेंगू के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। विभाग के अनुसार आगामी दिनों में स्क्रब टायफस और डेंगू के मामले बढ़ सकते हैं।
पांवटा साहिब की बात करें तो पिछले एक सप्ताह में 7 से अधिक मामले डेंगू के सामने आए हैं और दो मामले स्क्रब टायफस के भी जांच के दौरान मिले जिस तरह से डेंगू और स्क्रब टायफस के मामले बढ़ रहे हैं यह आने वाले समय के लिए काफी परेशानी आम जनता के लिए बढ़ा सकते हैं।
उधर ददाहू सिविल अस्पताल में भी स्क्रब टायफस के मरीज पाए जा रहे हैं सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सक द्वारा जानकारी मिली है कि संदिग्ध मरीजों के रोजाना स्क्रब टायफस सैंपलों की जांच की जा रही है। आज भी मरीज के स्क्रब टायफस टेस्ट करवाए गए हैं। बीते कल दो स्क्रब टायफस मामले सामने आए हैं।
बता दे की बरसात के दिनों में घरों के आसपास या छात्रों पर खुले बर्तनों में पानी इकट्ठा हो जाता है जिसमें डेंगू का लारवा पलता है और फिर मच्छर बैंक आसपास के लोगों को ही कटता है और डेंगू जैसी घातक बीमारी को फैलाता है इसलिए अपने घर और घर की छत पर कहीं पर भी पानी इकट्ठा न होने दे।
स्क्रब टाइफस एक “ओरिएंटिया सुत्सुगामुशी” नाम के एक बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक्यूट रोग है। यह ज्वर संबंधी स्थितियों से जुड़ा संक्रामक (फैलने वाला) रोग है। इस रोग का कारण बनने वाले बैक्टीरिया एक प्रकार के सूक्ष्म कीट (माइट) के काटने से मनुष्य के शरीर में पहुंचते हैं।
स्क्रब टाइफस फीवर आमतौर पर उन लोगों को होता है, जो झाड़ियों वाले क्षेत्रों आस-पास रहते हैं जहां पर चूहे रहते हैं। ऐसे क्षेत्रों में शामिल हैं जंगलों के आस-पास का क्षेत्र, नदियों के किनारे, घास-फूस वाले क्षेत्र, रेगिस्तान और ऐसे जंगल जहां बारिश अधिक होती है। स्क्रब टाइफस में मुख्य रूप से बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, पसीने आना, मांसपेशियों में दर्द होना, आंख में संक्रमण, त्वचा पर चकत्ते होना और लिम्फ नोड्स में सूजन आना जैसे लक्षण होते हैं।
वही इस बारे में जब सिविल अस्पताल पता साहब के इंचार्ज डॉक्टर अमिताभ जैन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह में 7 से अधिक मामले डेंगू के सामने आए हैं तो वहीं दो मामले स्क्रब टायफस के भी मिले हैं।
डॉ. अजय पाठक, सीएमओ संदिग्ध मरीजों के स्क्रब टायफस जांच के आदेश दिए गए हैं। जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा एडवाइजरी और दवाओं की खेप के साथ-साथ खंड चिकित्सा अधिकारियों को सावधानी बरतने और निगरानी रखने के आदेश भी दिए गए हैं।
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