कई मामलों में उड़ाई गई थी कानून की धज्जियां….
Ashoka Times….26 दिसंबर 23 हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सरकार को लेने के लिए कहा है जिसमें डीजीपी संजय कुंडू को तुरंत उनके पद से किसी दूसरी पोस्टिंग पर भेजने के बात कही गई है हाई कोर्ट ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि DGP संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा को तुरंत ऐसी पोस्टिंग दी जाए जहां पर रह कर वह जांच को प्रभावित न कर पाएं।
हिमाचल प्रदेश के कारोबारी निशांत शर्मा व डीजीपी हिमाचल से जुड़े विवाद में हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए डीजीपी व एसपी कांगड़ा को उनकी वर्तमान पोस्टिंग से हटाने की बात कही है।
खंडपीठ ने कहा कि दोनों अफसरों को अन्य पदों पर भेजा जाए, जहां रहकर वे जांच को प्रभावित न कर सकें. उल्लेखनीय है कि मामले में पिछली सुनवाई के दौरान भी हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था. तब खंडपीठ ने खरी-खरी सुनाते हुए जांचकर्ता पुलिस अधिकारियों से कहा था कि आपको कुछ करना भी है या हम ही कोई आदेश करें. अब मुख्य न्यायाधीश वाली खंडपीठ ने डीजीपी व एसपी कांगड़ा को वर्तमान पोस्टिंग से हटाने की बात कही है।
उल्लेखनीय है कि पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा ने 28 अक्टूबर को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के नाम ई-मेल भेज कर अपनी जान को खतरा बताया था. निशांत शर्मा ने डीजीपी संजय कुंडू पर गंभीर आरोप लगाए थे. हाई कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ने निशांत की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी. निशांत शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसे पालमपुर के एसएचओ ने शिमला जाकर डीजीपी संजय कुंडू से मिलने के लिए दबाव डाला।
वही बता दें कि संजय कुंडू डीजीपी हिमाचल प्रदेश के छत्रछाया में कई थाना प्रभारी ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने पुलिस की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाने पर न केवल उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए बल्कि अब धीरे-धीरे उन मामलों में बाकायदा सीआर डालकर उच्च अधिकारी अपना सिर भी बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
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